Sunday, July 19, 2009

मोको कहा ढूंढे रे बन्दे

मोको कहा ढूंढे रे बन्दे मैं तो तेरे पास में
ना तीरथ में ना मूरत में, ना एकांत निवास में
ना मंदिर में ना मस्जिद में, ना काबे कैलास में
मैं तो तेरे पास में बन्दे, मैं तो तेरे पास में
ना मैं जप में ना मैं तप में, ना बरत उपास में
ना मैं किरिया करम में रहता, नाही जोग सन्यास में
नाही प्राण में, नाही पिंड में, ना ब्रह्माण्ड आकास में
ना मैं मैं प्रकुति प्रवर गुफा में , नाही स्वासों की स्वास में
खोजी होए तुरत मिल जाऊ, इक पल की तलास में
कहत कबीर सुनो भाई साधो, मै तो हु विश्वास में

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Poetry and prose by Avishek Ranjan is licensed under a Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 Unported License